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    •  *हिन्दी विभाग*

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      *शासकीय स्नातक महाविद्यालय, कूकटपल्ली की स्थापना 2008 में हुई।यद्यपि 2018 तक कतिपय विद्यार्थी अपनी इच्छा से ‘हिन्दी’ को द्वितीय भाषा के रूप में लेते रहे हैं, किन्तु विधिवत रूप से इस महाविद्यालय के लिए हिन्दी प्राध्यापक की व्यवस्था एवं आबंटन 2018-जून के अन्त में किया गया। यह बहुत ही दुखद, शोचनीय, गर्हनीय, भर्त्सनीय और आत्महीनता-भाव से पूर्ण विषय है कि प्रान्त के अधिकांश शासकीय स्नातक महाविद्यालयों में राष्ट्रभाषा हिन्दी के अध्यापन हेतु कम-से-कम एक प्राध्यापक की व्यवस्था (आबंटन) भी नहीं है।*
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      *साधारणतः विद्यार्थी-वर्ग, भाषाओं (विशेषकर देशी) की अपेक्षा, ऐच्छिक विषयों पर अधिक ध्यान देता है। ऐसे में, यदि कक्षाएँ लेने हेतु कमरों की कमी हो जाए, तो द्वितीय भाषा (हिन्दी) जैसे विषयों की कक्षाओं को लेने में बहुत अधिक कठिनाई हो जाती है।निजी भवन के अभाव में सम्प्रति इस महाविद्यालय की यही स्थिति बनी हुई है।*
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      *2016 से CBCS प्रणाली के अन्तर्गत, पूरा त्रिवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम, तीन वार्षिक परीक्षाओं के स्थान पर छह अर्धवार्षिक परीक्षाओं (6 सेमिस्टर्स) का हो गया। 2016 से 2019 तक स्नातक पाठ्यक्रम में, द्वितीय भाषा के रूप में हिन्दी को - चयनित करने वाले विद्यार्थियों को - प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष में पढ़ाया जाता रहा। इस प्रकार प्रथम दो वर्षों अर्थात कुल चार अर्धवार्षिक परीक्षाओं के साथ द्वितीय भाषा हिन्दी का पाठ्यक्रम पूरा हो जाता था। द्वितीय भाषा हिन्दी के लिए कुल 20 क्रेडिट्स होते हैं। अतः चार सेमिस्टर्स के लिए पॉंच-पॉंच क्रेडिट्स हुआ करते थे (4✖️5 = 20)। लेकिन 2019 से भाषाओं को भी तीनों वर्ष पढ़ाने का निश्चय किया गया। 2019 से, 20 क्रेडिट्स  को ही तीन वर्षों अर्थात छह सेमिस्टर्स में बॉंटा गया। प्रथम वर्ष के दो सेमिस्टर्स के लिए चार-चार क्रेडिट्स और द्वितीय, तृतीय वर्ष के तीसरे-चौथे तथा पॉंचवें-छठे सेमिस्टर्स के लिए तीन-तीन क्रेडिट्स। इस प्रकार तीन वर्षों के छह सेमिस्टर्स के लिए क्रमशः (4+4) + (3+3) और (3+3) मिलाकर कुल वही 20 क्रेडिट्स होते हैं। प्रत्येक अर्धवार्षिक सत्र कुल 100 अंकों का होता है, जिसमें आन्तरिक परीक्षा के लिए 20 अंक और बाह्य (विश्वविद्यालयी) परीक्षा के लिए 80 अंक होते हैं। इस प्रकार द्वितीय भाषा हिन्दी का पाठ्यक्रम 2016 से 2019 तक कुल 400 अंकों का होता था, जो कि (2019 से) अब 600 अंकों का हो गया है।*
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      *हिन्दी को द्वितीय भाषा के रूप में लेकर स्नातक पाठ्यक्रम को पूरा करने वाले; ‘हिन्दी’ को सफलतापूर्वक अपनी आजीविका का माध्यम बना सकते हैं। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में हिन्दी को लेकर अथवा हिन्दी सम्बन्धी अनुवाद पाठ्यक्रमों को लेकर अथवा शिक्षाशास्त्री जैसे पाठ्यक्रमों को पूरा कर, वे अध्यापन, अनुवाद, सम्पादन आदि कार्यों से जुड़ सकते हैं। साथ ही, राष्ट्रभाषा हिन्दी की सेवा का सुअवसर भी प्राप्त कर सकते हैं।*
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      *सम्प्रति हिन्दी विभाग में एक प्राध्यापक हैं। शैक्षिक वर्ष 2020-21 में द्वितीय भाषा हिन्दी के छात्र - द्वितीय वर्ष में 82 और प्रथम वर्ष में 80 - कुल 162 हैं। विभागशः, द्वितीय वर्ष में -  BA के छह समूहों (ग्रूप्स) में 12, BCom के एक समूह में 40, BSc (जीवन विज्ञान) के छह समूहों में 15, और BSc (भौतिक विज्ञान) के चार समूहों में 15 - कुल 82 - छात्र हैं; जबकि प्रथम वर्ष में - BA के सात समूहों में 12, BCom के एक समूह में 33, BSc (जीवन विज्ञान) के छह समूहों में 12, और BSc (भौतिक विज्ञान) के चार समूहों में 23 - कुल 80 - छात्र हैं।*

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